ई-सिगरेट पर प्रतिबंध के खिलाफ उतरा संगठन
सेहतराग टीम
ई-सिगरेट जैसी सामग्री की पैरवी करने वाले संगठन सीएचआरए और एवीआई ने इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन आपूर्ति तंत्र (इंड्स) पर प्रतिबंध नहीं लगाने की अपील करते हुए कहा है कि इससे धूम्रपान करने वाले लाखों लोग सुरक्षित विकल्प से वंचित हो जाएंगे और लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।
काउंसिल फॉर हार्म रिड्यूस्ड आल्टरनेटिव (सीएचआरए) और एसोसिएशन ऑफ वेपर्स इंडिया (एवीआई) ने मांग की है कि सरकार इंड्स और वेपर्स पर प्रतिबंध लगाने के पहले साक्ष्य आधारित अध्ययन करा ले।
संगठन ने कहा है कि ई-सिगरेट, तंबाकू सिगरेट की तुलना में कम नुकसानदेह है और निकोटीन की लत से भी छुटकारा दिलाती है। साथ ही कहा गया है कि वेपिंग से आसपास के लोगों को पैसिव स्मोकिंग की तुलना में कम खतरा होता है।
सीएचआरए के निदेशक सम्राट चौधरी ने कहा कि अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन जैसे देशों में ई-सिगरेट के इस्तेमाल के लिए नियामक अनुमति से सकारात्मक परिणाम आया। हालिया वर्षों में इन देशों में धूम्रपान की दर में गिरावट आयी है।
एवीआई ने कहा कि दुनिया भर में धूम्रपान संबंधी मौत की मुख्य वजह सिगरेट जलने से पैदा होने वाला जहरीला रसायन और टार है, निकोटीन नहीं।
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